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April to June 2024 Article ID: NSS8666 Impact Factor:8.05 Cite Score:53710 Download: 326 DOI: https://doi.org/ View PDf
प्लास्टिक मुद्रा का युवाओं पर प्रभाव - एक अध्ययन (म.प्र. के इंदौर जिले के विशेष संदर्भ में)
डॉ. कुशल जैन कोठरी
प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इंदौर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर (म.प्र.)आकांक्षा सिंह
शोधार्थी (अर्थशास्त्र) माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इंदौर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर (म.प्र.)
शोध सारांश- भारत एक विकासशील देश है। भारत में शुरूआत में वस्तु विनिमय प्रणाली द्वारा वस्तुओं तथा सेवाओं का भुगतान किया जाता था जो की कई बाधाओं से ग्रस्त था, जिसमेें सबसे महत्वपूर्ण था इसमें शामिल पक्षों के साथ वांछित वस्तुओं की अनुपलब्धता। इस समस्या के समाधान के रूप में मुद्रा का आविष्कार हुआ और 1920 में प्लास्टिक मुद्रा की अवधारणा को पेश किया गया। पिछले कुछ दशकों में प्लास्टिक मुद्रा के उपयोग मे वृद्धि हुई है। भारत में लगभग 74 प्रतिशत जनसंख्या 44 वर्ष से कम आयु की है, जो की अधिक शिक्षित होने के कारण प्लास्टिक मुद्रा का नकद मुद्रा की तुलना में अधिक उपयोग कर रही है। यह अध्ययन इंदौर के युवा वर्ग पर प्लास्टिक मुद्रा के प्रभाव पर आधारित है। इस अध्ययन के लिए 100 उत्तरदाताओं का चयन उद्देश्यपूर्ण दैव निदर्शन विधि द्वारा किया गया है तथा प्राथमिक तथा द्वितीयक स्रोतों से आकड़ों का संकलन किया गया है।प्रस्तुत शोध के द्वारा प्लास्टिक मुद्रा का युवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव तथा युवाओं द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं का अध्ययन किया गया है।
शब्द कुंजी- प्लास्टिक मुद्रा, प्रभाव,
समस्या।
