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July to September 2024 Article ID: NSS8718 Impact Factor:8.05 Cite Score:67865 Download: 367 DOI: https://doi.org/ View PDf
मध्य प्रदेश में आर्थिक विकास में कृषि की भूमिका
डॉ. मोहन निमोले
सहायक प्राध्यापक (भूगोल) प्रधानमंत्री काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस, शास. माधव महाविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)दशरथ प्रसाद
शोधार्थी (भूगोल) प्रधानमंत्री काॅलेज ऑफ एक्सीलेंस, शास. माधव महाविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
शोध सारांश- प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए और आत्मनिर्भर होने के लिए कृषि संसाधनों के साथ क्षेत्र के विभिन्न संसाधनों का विशेष महत्व होना है, किसी एक सेक्टर के सहयोग से चलने या विकास के पायदान तय करने को विकसित प्रदेश नही कहा जा सकता है। अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान हो या कृषि ही उस प्रदेश की जनसंख्या के अधिकांश भाग के भरण-पोषण का एक मात्र आधार हो, सकता है। उस प्रदेश की सरकार का यह उत्तरदायित्व होता है, कि इसकी उन्नति पर विशेष ध्यान दे। बदलते परिदृश्य के आधार उद्योग क्षेत्र की ओर नियत्रंण आगे बढते जाते है। लाभ की आशा से प्राथमिक सक्ेटर का धीरे-धीरे स्तर कमजोर करते जाते हैं, यदि हम उद्योगों का विकास की ओर ध्यान देते है। तो हमें कच्चे माल और प्राथमिक सेक्टर की वस्तुओं की ओर ध्यान देना होगा।
शब्द कुंजी- प्राथमिक सेक्टर, अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास, उपार्जन,
जी.वी.ए. आत्मनिर्भर।
