
-
October to December 2024 Article ID: NSS8802 Impact Factor:8.05 Cite Score:25457 Download: 224 DOI: https://doi.org/ View PDf
दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का सिंहावलोकन
डॉ. लोकेश कुमार शर्मा
एसोशिएट प्रोफेसर, मेवाड़ विश्वविद्यालय, चित्तौड़गढ़ (राज.)
शोध सारांश- दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति के
एक प्रमुख विचारक, संगठनकर्ता और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। उनकी विचारधारा “एकात्म
मानववाद“ ने भारतीय समाज और राजनीति पर गहरा प्रभाव
डाला। उपाध्याय का दृष्टिकोण था कि भारत की विकास यात्रा को पश्चिमी मॉडल के अनुरूप
नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित होना
चाहिए। उनका “एकात्म मानववाद“ एक ऐसी विचारधारा
है जो व्यक्तिगत, सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक जीवन के समन्वय की बात करती है। यह
विचारधारा भारत के पारंपरिक और आधुनिक तत्वों के बीच एक संतुलन स्थापित करने का प्रयास
करती है।














