• July to September 2024 Article ID: NSS8871 Impact Factor:8.05 Cite Score:24337 Download: 219 DOI: https://doi.org/ View PDf

    भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और समाचार पत्र

      हरीश
        एम ए, नेट -जेआरफ (इतिहास) कोडुका पोस्ट रिछोली, ब्लॉक पाटोदी बालोतरा (राज.)

प्रस्तावना- 19 वी सदी में भारत में मध्यम वर्ग का उदय हुआ स मध्यम वर्ग के अधिकांश लोग शिक्षा प्राप्त करने यूरोपीय देशों में गए थे। विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने गए लोगों पर पश्चिम की सभ्यता और संस्कृति का प्रभाव पड़ा। ये पश्चिम से स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व जैसे मूल्य लेकर भारत लौटे स पश्चिम से शिक्षा प्राप्त करके भारत लौटे ये लोग अपने विचारों के  प्रचार -प्रसार के सभी तरीको से परिचित थे, जिनके दुवारा उनके विचारों का प्रचार प्रसार किया जा सके। भारत में पुर्तगालियों ने छापेखाने की स्थापना की थी जिससे भारत में प्रिटिंग प्रेस का विकास हुआ। प्लासी की विजय के बाद अंग्रेजो ने भारत में पैर पसारने शुरू कर दिए थे तथा 19 वी शताब्दी तक ब्रिटिश साम्राज्य ने स्थायितव प्राप्त कर लिया था। सम्पूर्ण बंगाल में अंग्रेजो ने अपना प्रशासन लागु कर दिया था। इस दौरान अंग्रेजों ने भारतीयों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किए स ब्रिटिश आर्थिक नीतियों के कारण भारत का सूती वस्त्र उद्योग समाप्त हो गया स भारत में खाद्यानों की कमी हो गई अंग्रेजों ने व्यापारिक फसलों को ज्यादा महत्त्व प्रदान किया। कांग्रेस की स्थापना से पूर्व ऐसा कोई राजनीतिक संगठन नहीं था जो आम जनता की समस्या को ब्रिटिश साम्राज्य के समक्ष रख सके। ऐसी दशा में समाचार पत्र एक ऐसा माध्यम था जिनसे आमजन की समस्या का मुद्दा उठाया जा सके।