• January to March 2025 Article ID: NSS8970 Impact Factor:8.05 Cite Score:7583 Download: 122 DOI: https://doi.org/ View PDf

    कृषि क्षेत्र के विकास में भूमि सुधार का योगदान

      श्रीमती सुमन भवर
        शोधार्थी , भूपाल नोबल्स युनिवार्सिटी, उदयपुर (राज.)
      डॉ.नीमा चुण्डावत
        शोध निर्देशिका (अर्थशाश्त्र) भूपाल नोबल्स युनिवार्सिटी,उदयपुर (राज.)

शोध सारांश-  आजादी के पूर्व भारत में विभिन्न प्रकार की भूमि व्यवस्था पाई जाती थी जिसके कारण कृषि और किसानो की दयनीय  स्थिति होने से भारत में विभिन्न प्रकार की व्यवस्था पाई जाती थी  जैसे रैयतवाड़ी व्यवस्था,महालवाड़ी व्यवस्था, जमींदार प्रथा जिसके अंतर्गत जमीदारों द्वारा कृषकों से भूमि कर एकत्रित किया जाता था जमीदार कृषको  और राज्यों के मध्य मध्यस्तों का काम करते थे सरकार का कुल आय  में भाग जो जमीदार द्वारा एकत्रित किया जाता था उसका 10 से 11 प्रतिशत  भाग सरकार के पास जाता शेष भाग जमीदारों को दिया जाता था जिससे उनका गुजारा कर सके ।

शब्द कुंजी-किसानो को भूमि सम्बंधित अधिकारों की सुरक्षा,भूमि सुधार कार्यक्रम, रोजगार में  वृद्धि।