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January to March 2025 Article ID: NSS8982 Impact Factor:8.05 Cite Score:28885 Download: 239 DOI: https://doi.org/ View PDf
मुंशी प्रेमचन्द के लघु उपन्यास, निर्मला, प्रतिज्ञा का अनुशीलन
डॉ. अर्चना बापना
सहा. प्राध्यापक, एडवास महाविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
प्रस्तावना- लघु उपन्यास साहित्य की
ऐसी विद्या है जो स्वरूप की दृष्टि से उपन्यास से छोटी होती है, परन्तु कथावस्तु की
दृष्टि से अपने आप में पूर्ण होती है। जिसका प्रभाव वृहत् उपन्यासों के समान ही होता
है। हिन्दी साहित्य जगत में भी लघु उपन्यासों से पृथक अस्तित्व के स्वीकार कर लिया
गया है। लघु उपन्यास और वृहत उपन्यास में आकार गत अन्तर प्रमुख है। साहित्य में भी
इसके पृथक अस्तित्व को स्वीकार किया गया है।
