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October to December 2024 Article ID: NSS8984 Impact Factor:8.05 Cite Score:40673 Download: 284 DOI: https://doi.org/ View PDf
वागड़ की संस्कृति और कला : ऐतिहासिक विकास और समकालीन परिप्रेक्ष्य
डॉ. नरेंद्र सिंह राणावत
शोध निर्देशक, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)रश्मि गुप्ता
शोधार्थी, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)
प्रस्तावना-वागड़ क्षेत्र राजस्थान
के दक्षिणी भाग में स्थित एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र हैजो मुख्य रूप
से बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में विस्तृत है। यह क्षेत्र अपनी विशिष्ट संस्कृति,
सांस्कृतिक धरोहर, लोककला, स्थापत्य, संगीत और पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए प्रसिद्ध
है। यहाँ की संस्कृति का मुख्य आधार भील और मीणा जैसी जनजातियों की परंपराएँ रही हैंजिनका
सामाजिक जीवन प्रकृति और धार्मिक आस्थाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। वागड़ का इतिहास
और संस्कृति इसे राजस्थान के अन्य क्षेत्रों से भिन्न बनाते हैंक्योंकि यहाँ की परंपराएँ
बाहरी प्रभावों और आंतरिक सामाजिक संरचना के मिश्रण से विकसित हुई हैं।
