• January to March 2025 Article ID: NSS9026 Impact Factor:8.05 Cite Score:22092 Download: 209 DOI: https://doi.org/ View PDf

    मध्यप्रदेश के धार जिले में ग्रामीण महिला साक्षरता का वितरण प्रतिरूप: एक भौगोलिक अध्ययन

      डॉ. किरण मण्डलोई
        सहायक प्राध्यापक (भूगोल) शास. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़नगर, उज्जैन (म.प्र.)

शोध सारांश- किसी भी देश के समग्र विकास के निर्धारक घटकों में प्रमुख घटक साक्षरता है। देश के बहुआयामी विकास हेतु प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, परन्तु अभी भी देश के समग्र विकास हेतु आवश्यक कुशल एवं प्रशिक्षित जनशक्ति का अभाव है। किसी भी देश का समान व वर्ग का आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक विकास करना है तो समाज की आधी आबादी अर्थात् महिलाएं जो कि विकास की मुख्य धारा में नहीं हैं उन्हें शिक्षित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।                   

    भारत जैसे विकासशील देशों में आज भी ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं में साक्षरता का स्तर अपेक्षाकृत न्यून है। प्रस्तुत अध्ययन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में प्राचीन समय से ही महिला शिक्षा का अभाव रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बावजूद विभिन्न जातियों एवं वर्गों में विभक्त समाज में साक्षरता उसकी अपनी विशेषताओं द्वारा निर्धारित होती है। जिन समाजों में महिलाओं को परिसंचरण की स्वतंत्रता है या नहीं है, किन्तु उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उन समाजों में महिला साक्षरता के प्रति प्रतिकूल प्रभाव हैं। शब्द कुंजी- साक्षरता, बहुआयामी, संसाधन, आदिवासी, आर्थिक स्थिति।