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October to December 2024 Article ID: NSS9054 Impact Factor:8.05 Cite Score:6544 Download: 113 DOI: https://doi.org/ View PDf
उदयपुर जिले में निजी अथवा सरकारी भवनों का वास्तुसंगत अवलोकन
डॉ. नीता सीकलीगर
पोस्ट डॉक्टारोल फैलो (संस्कृत) मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय,उदयपुर (राज.)
प्रस्तावना- प्रस्तुत शोध पत्र उदयपुर
के सरकारी और निजी भवनों के वास्तु संगत अध्ययन पर आधारित है। आज की दुनिया में जहाँ
हमारी ज़िंदगी की भागदौड़ और तनाव हमें थका देते हैं। शांति और स्थिरता की ज़रूरत वास्तविक
है और सामंजस्यपूर्ण रहने की जगह बनाना अब पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो गया है। वास्तु
शास्त्र का महत्व जो वास्तुकला और डिज़ाइन का एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, को नज़रअंदाज़
नहीं किया जा सकता। इसलिए यदि आप इस आधुनिक दुनिया में वास्तु शास्त्र की कला और विज्ञान
सीखना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं। वास्तु शास्त्र हमारे घरों को प्राकृतिक शक्तियों
और शांति के साथ संरेखित करने के लिए कालातीत सिद्धांत प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र
सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह को बढ़ा सकता है, कल्याण को बढ़ावा दे सकता है और ऐसा वातावरण
बना सकता है जो हमारे आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य का समर्थन करता है। सैकड़ों-हजारों
वर्षों के बाद भी, वास्तु शास्त्र आज भी प्रासंगिक बना हुआ है और घर के मालिकों को
ऐसा वातावरण बनाने में मार्गदर्शन देता है जो खुशी, स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा
देता है।














