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April to June 2025 Article ID: NSS9137 Impact Factor:8.05 Cite Score:6522 Download: 113 DOI: https://doi.org/ View PDf
बाल मनोविज्ञान पर आधारित वैज्ञानिक बोध: समकालीन हिंदी बाल कथा साहित्य के संदर्भ में
गीतांजली कोलीवाल
शोधार्थी, टांटिया विश्वविद्यालय, श्री गंगानगर (राज.)डॉ. ज्योति यादव
सहायक आचार्य, टांटिया विश्वविद्यालय, श्री गंगानगर (राज.)
शोध सारांश- बाल साहित्य का प्रथम रूप लोरी व प्रभाती है। बाल साहित्य के नाम पर एक अरसे तक बालकों के लिए साहित्य लिखा गया है। बाल साहित्य से तात्पर्य ऐसे साहित्य से है जो बालोपयोगी साहित्य से भिन्न रचनात्मक साहित्य होता है। विज्ञान कथा अथवा साइंस फिक्शन साहित्य की वह विधा है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संभावित परिवर्तनों को अभिव्यक्त कर बच्चों को विज्ञान के संबंध में नई-नई जानकारियाँ देकर उनकी उत्सुकता को शांत करती है। विज्ञान लेखन के लिए गूढ़ विषय को सरल, सुगम, रोचक, मनोरंजन व मनोवैज्ञानिक शैली में बच्चों के सामने प्रस्तुत किया जाता है।
बाल साहित्य में वैज्ञानिक दृष्टिकोण सर्वाधिक मायने रखता है। वैज्ञानिक तथ्यों को आधार बनाकर उसमें कल्पना को जोड़ते हुए बाल मनोविज्ञान की आधारशिला पर संभावित सत्य के रूप में प्रस्तुत कर विज्ञान फंतासी भी लिखी गई। अमृतलाल नागर, हरिकृष्ण देवसरे, जाकिर अली रजनीश, शकुंतला कालरा, उषा यादव, विभा देवसरे, प्रकाश मनु, परशुराम शुक्ल, गोविंद शर्मा, क्षमा शर्मा, शिखर चंद्र जैन, मनोहर चमोली मनु आदि ऐसे कई नाम है जिनकी बाल विज्ञान साहित्य से संबंधित रचनाएँ प्रकाशित हुई है। विज्ञान कथाएं बालकों में वैज्ञानिक रुचि पैदा कर विज्ञान के अविष्कार एवं आविष्कारकों के संघर्ष को बालकों के सामने प्रस्तुत करती है। विज्ञान फंतासी साहित्य में विज्ञान के धरातल पर बाल मन को टटोलकर कथा का ताना-बाना बुना गया है। वर्तमान समय में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्रांति जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है जिस कारण बाल साहित्य में वैज्ञानिक चेतना का समाहार युगीन आवश्यकता बन गया है। आज ऐसा बाल साहित्य प्रचुर मात्रा में प्रकाशित हो रहा है जो बच्चों को संस्कारित करने की जगह उनकी मनोवृतियों को विकृत कर रहा है। समाज में हो रहे विकास और वैज्ञानिक प्रगति के साथ बच्चों का सतत समन्वय बनाए रखने के लिए उन्हें मानसिक पोषण देने के लिए नित्य नवीन स्तरीय बाल मनोविज्ञान पर आधारित बाल साहित्य के सृजन की आवश्यकता है।
शब्द कुंजी- बालोपयोगी, प्रौद्योगिकी, आविष्कारक, तथ्य, दृष्टिकोण,
फंतासी।














