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April to June 2025 Article ID: NSS9187 Impact Factor:8.05 Cite Score:1725 Download: 57 DOI: https://doi.org/ View PDf
प्रबंधकीय शिक्षा का रोजगार के अवसरों में योगदान
डॉ. अधिकेश राय
शोध निर्देशक एवं विभागाध्यक्ष (वाणिज्य) स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नरसिंहपुर (म.प्र.)श्रीमती अन्नपूर्णिमा कोष्टा
सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य) ठाकुर निरंजन सिंह शासकीय महाविद्यालय, गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर (म.प्र.)
शोध सारांश- व्यक्तिपरक दृष्टिकोण से शिक्षा व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व नैतिक शक्तियों का विकास करती है और उसे स्वस्थ्य एवं सुखी जीवन व्यतीत करने की कुंजी प्रदान करती है। पूर्व में उच्च शिक्षा प्राप्ति की अभिलाषा समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने तक ही सीमित थी। किन्तु वर्तमान युग में उच्च प्रबंधकीय व व्यावसायिक शिक्षा प्राप्ति की अभिलाषा समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने की इच्छा से जुड़ी हुई है। एक व्यक्ति अपने लिए उच्च शिक्षा की उपयुक्त शाखा व विषयों का चुनाव केवल अपनी अभिरूचि व योग्यता के आधार पर नहीं करता है बल्कि उसको रोजगार प्रदान करने वाली क्षमता व स्वरोजगार की संभावना पर भी विचार करता है। शिक्षा के संबंध में यही विचार प्रबंधकीय शिक्षा की अवधारणा को प्रतिपादित करता है। भारतीय समाज विविधतापूर्ण समाज है। यह सांस्कृतिक, तकनीकी, आर्थिक, राजनीतिक रूप से बदल रहा है और शिक्षा इन परिवर्तनों से प्रभावित है। चूंकि शिक्षा से मनुष्य को ज्ञान, दृष्टिकोण, मूल्य और कौशल प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है। इसलिए शिक्षा को और अधिक गतिशील एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने की आवश्यकता है ताकि राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।
शब्द कुंजी-प्रबंधकीय
व व्यावसायिक शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार, आर्थिक विकास।














