• April to June 2025 Article ID: NSS9189 Impact Factor:8.05 Cite Score:448 Download: 28 DOI: https://doi.org/ View PDf

    उच्च शिक्षा का अनुसूचित जाति पर प्रभाव: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन (मोरना ब्लॉक के संदर्भ में)

      डॉ. रत्ना त्रिवेदी
        एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष (समाजशास्त्र) मुन्नालाल एंड जय नारायण खेमका गर्ल्स डिग्री कॉलेज, सहारनपुर (उ.प्र.)
      आजाद सिंह
        शोध छात्र (समाजशास्त्र) मुन्नालाल एंड जयनारायण खेमका गर्ल्स डिग्री कॉलेज, सहारनपुर (उ.प्र.)

शोध सार- व्यक्ति की बुद्धि और समाज में परिवर्तन का कारक शिक्षा ही है इस प्रकार किसी भी राष्ट्र का निर्माण और विकास उसकी शिक्षा प्रणाली पर ही निर्भर करता है। व्यकित के सशक्तिकरण के लिए शिक्षा एक सशक्त साधन है यह व्यकित और सम्पूर्ण समुदाय में अपनी  जन्म जात क्षमताओ द्वारा अपने जीवन को सुधारने के लिए शिक्षा एक सशक्त माध्यम है। शिक्षा व्यक्ति की योग्यताए बढ़ाती है तथा उसके कौशलो में वृद्धि के साथ उसके व्यक्तित्व को भी निखारती है व्यक्ति को सभी प्रकार से सशक्त करती है इसलिए सभी नागरिको को एैसी शिक्षा दी जाए जो उनकी योग्यताओ, कौशलो और क्षमताओ का विकास करके उन्हे ज्ञानवान व विवेकशील बनाए। जिससे वह जीवन के सभी पक्षो को अपनी इन योग्यताओ का भरपूर उपयोग कर सके और एक समाजोपयोगी जीवन यापन कर सके।                    

    किसी भी देश का विकास अधिकांशतः उसके समाज में शिक्षा की प्रगति पर निर्भर होता है। एक समाज तभी सम्भव हो पाता है जब उसके नागरिक गतिशील साधन सम्पन्न उद्यमी और उत्तरदायी होते है। ऐसे नागरिकों के बिना किसी भी क्षेत्र में देश का विकास सम्भव नहीं है। शिक्षा इस तरह ऐसे सुयोग्य नागरिकों के निर्माण में योगदान देती है। यह तीव्र आर्थिक एवं तकनीकी विकास की प्राप्ति का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है। वर्तमान समय में अनुसूचित जाति उच्च शिक्षा प्राप्त करके रोजगार के नये अवसर प्राप्त कर रहे है तथा महिला सशक्तिकरण तथा राजनीतिक भागीदारी बढी है। यह अध्ययन मुजफ्फरनगर जिले के मोरना ब्लॉक पर आधारित है। इस क्षैत्र में अनुसूचित जातियों ने उच्च शिक्षा प्राप्त करके अपने जीवन में अनेक लाभ प्राप्त किये है।