• April to June 2025 Article ID: NSS9197 Impact Factor:8.05 Cite Score:747 Download: 37 DOI: https://doi.org/ View PDf

    जयसमन्द झील का मेवाड़ के आर्थिक क्षेत्र में योगदान - एक अध्ययन

      मोनिका आमेटा
        शोधार्थी (इतिहास) भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)
      डॉ. पंकज आमेटा
        शोध निर्देशक (इतिहास) भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)

शोध सारांश- जयसमन्द झील, जिसे ढेबर झील के नाम से भी जाना जाता है, 1687 ई. में महाराणा जयसिंह द्वारा निर्मित एक विशाल कृत्रिम जलाशय है, जिसने मेवाड़ की आर्थिक संरचना को गहराई से प्रभावित किया। इस झील ने निर्माण से लेकर 1947 तक सिंचाई, मत्स्य पालन, पशुपालन, पर्यटन, कुटीर उद्योग और रोजगार जैसे विविध क्षेत्रों में योगदान देकर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की। कृषि में सिंचित भूमि के विस्तार से लेकर मत्स्य उत्पादन के माध्यम से स्थानीय रोजगार की सृजनता, और धार्मिक पर्यटन से व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि तक - जयसमन्द झील ने जनजीवन को विविध स्तरों पर समृद्ध किया। इसके अतिरिक्त, झील ने पर्यावरणीय संतुलन, जलवायु सुधार और पारिस्थितिकीय संवर्धन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह क्षेत्र सामाजिक संगठनों और जनचेतना का केंद्र भी बना। इस अध्ययन से स्पष्ट होता है कि जयसमन्द झील केवल एक जल स्रोत न होकर, मेवाड़ की सामाजिक-आर्थिक प्रगति की आधारशिला रही है।

शब्द कुंजी-जयसमंद झील, परंपरा, आधुनिकता, आर्थिक, सामाजिक आर्थिक विकास , सतत विकास l