• January to March 2025 Article ID: NSS9280 Impact Factor:8.05 Cite Score:7 Download: 2 DOI: https://doi.org/ View PDf

    महाराजा तुकोजीराव होल्कर द्वितीय का व्यक्तित्व : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

      डॉ. मंजुला निंगवाल
        सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (इतिहास) भेरूलाल पाटीदार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महू (म.प्र.)

शोध सारांश-  मध्यभारतके इतिहास में होल्करवंश का महत्व्पूर्णयोगदान रहा है।यह शोध-पत्र इन्दौर के ग्यारहवें शासक महाराजा तुकोजीराव (तुकोजी राव) होल्कर द्वितीय (1835–1886) के व्यक्तित्व का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। उनके व्यक्तित्व को उनके पालन-पोषण, प्रशासनिक निर्णयों, राजनीतिक नीतियों और सांस्कृतिक संरक्षण के आधार पर समझा गया है। उपलब्ध स्रोतों से यह स्पष्ट होता है कि तुकोजीराव द्वितीय परंपरागत दरबारी संवेदनशीलता और व्यावहारिक प्रशासनिक दृष्टिकोण दोनों को साथ लेकर चलने वाले शासक थे। उनका व्यक्तित्व संयम, निष्ठा और क्रमिक सुधारों की प्रवृत्ति से परिपूर्ण था, जिसने उन्नीसवीं शताब्दी में इन्दौर के आधुनिकीकरण को दिशा दी।

शब्द कुंजी तुकोजीराव होलकर द्वितीय, इंदौर, होलकर वंश, व्यक्तित्व, प्रशासन, आधुनिकीकरण।