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July to September 2025 Article ID: NSS9312 Impact Factor:8.05 Cite Score:195 Download: 17 DOI: https://doi.org/10.63574/nss.9312 View PDf
डिग्री से बड़ी है कौशल, एक प्रशिक्षक की नजर से
श्रीमती ज्योतिबाला राठौर
शोधार्थी, प्रशिक्षण अधिकारी (फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी) राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान, इंदौर (म.प्र.)
शोध सारांश- वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य
में शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक
कौशलों से लैस करना है। भारत जैसे विकासशील राष्ट्र में जहाँ युवाओं की संख्या विश्व
में सबसे अधिक है, वहाँ रोजगारपरक कौशलों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस शोध-पत्र
का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि क्यों डिग्री मात्र पर्याप्त नहीं है और किस प्रकार
कौशल ही वास्तविक सफलता और आत्मनिर्भरता का आधार बनता है। इसमें शिक्षा और उद्योग के
बीच की खाई, कौशल प्रशिक्षण की आवश्यकता, प्रशिक्षकों की भूमिका, सरकारी प्रयास तथा
भविष्य की संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। शोध-पत्र से यह निष्कर्ष निकलता है
कि “डिग्री दरवाजा खोल सकती है, लेकिन आगे का रास्ता कौशल ही तय करता है।”














