• July to September 2025 Article ID: NSS9368 Impact Factor:8.05 Cite Score:112 Download: 13 DOI: https://doi.org/ View PDf

    सोनभद्र जिला, उत्तर प्रदेश में सलखन जीवाश्म पार्क का एक भौगोलिक अध्ययन: चुनौतियां व समाधान

      डॉ. रमन प्रकाश
        एसोसिएट प्रोफेसर (भूगोल) भारतीय महाविद्यालय, फर्रुखाबाद (उ.प्र.)
      लाल कुमार साकेत
        शोध छात्र (भूगोल) भारतीय महाविद्यालय, फर्रुखाबाद (उ.प्र.)

शोध सारांश-  जीवाश्म पर्यटन वर्तमान समय में भू पर्यटन की उभरती हुई आकर्षक शाखा है, जो पृथ्वी के प्रागैतिहासिक धरोहर को पर्यटन (टूरिज्म) से जोड़ती है। भारत का भू-वैज्ञानिक इतिहास जीवाश्म की दृष्टि से अत्यंत समृद्धशाली है। भारत उपमहाद्वीप गोंडवाना सुपरकॉन्टिनेंट का भाग है, जो प्राचीनतम है। हमारे भारत देश में कई महत्वपूर्ण जीवाश्म धरोहर स्थल हैं, जिनमें सोनभद्र जिले का सलखन जीवाश्म पार्क एक प्रमुखतम स्थल है। इस पार्क में 1.4 अरब साल पुराने स्ट्रोमेटालाइट्स पाए जाते हैं, जो पृथ्वी के आरंभिक जीवन के प्रमाण हैं। यह संरचना साइनोबैक्टीरिया या नीले-हरे शैवालों के समुदाय द्वारा निर्मित है। यह प्राचीनतम पर्यावरणीय परिस्थितियों और सूक्ष्मजीवी जीवन के महत्वपूर्ण द्योदक हैं। यद्यपि, अविकसित बुनियादी ढांचे, जागरूकता का अभाव और संरक्षण का पर्याप्त अभाव के कारण इसका पर्यटन की दृष्टि से विकास सीमित हुआ है। प्रस्तुत शोध पत्र में सलखन जीवाश्म उद्यान के वैज्ञानिक महत्व, प्रमुख चुनौतियों और इसके विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव पर विस्तृत चर्चा की गई है।

शब्द कुंजी- सलखन, जीवाश्म पार्क, स्ट्रोमेटालाइट्स, सायनोबैक्टीरिया, जीवाश्म पर्यटन, चुनौतियां, सुझाव, सतत पर्यटन।