• January to March 2025 Article ID: NSS9405 Impact Factor:8.05 Cite Score:5 Download: 1 DOI: https://doi.org/ View PDf

    मुस्लिम किशोरियों के समायोजन पर बालिका सशक्तिकरण के प्रभाव का अध्ययन

      कुलदीप
        शोधार्थी (शिक्षा)मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)
      डॉ. महेश कुमार तिवारी
        प्राचार्य, मेवाड़ गर्ल्स कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग, चित्तौड़गढ़ (राज.)

प्रस्तावना - शिक्षा बालक का सर्वांगीण विकास करके उसे तेजस्वी, बुद्धिमान चरित्रवान, विद्वान तथा वीर बनाती है, उसी प्राकर दूसरी ओर शिक्षा समाज की उन्नति के लिए भी एक आवश्यक तथा शक्तिशाली साधन है। दूसरे शब्दों में व्यक्ति की भांति समाज भी शिक्षा के चमत्कार से लाभान्वित होता है। शिक्षा के द्वारा समाज भावी पीढी के बालकों को उच्च आदर्शों, आशाओं, आकांक्षओं, विश्वासों तथा परम्पराओं आदि सांस्कृतिक सम्पत्ति को इस प्रकार से हस्तान्तरित करता है कि उनके हृदय में देश-प्रेम तथा त्याग की भावना प्रज्जवलित हो जाता है। जब ऐसी भावनाओं तथा आदर्शों से भरे हुए बालक तैयार होकर समाज अथवा देश की सेवा व्रत धारण करके मैदान में निकलेंगे तो समाज भी निरन्तर उन्नति के शिखर पर चढता ही रहेगा। इस प्रकार व्यक्ति तथा समाज दोनों के विकास में शिक्षा परम् आवश्यक है।