• October to December 2025 Article ID: NSS9441 Impact Factor:8.05 Cite Score:13 Download: 3 DOI: https://doi.org/ View PDf

    महिला सशक्तिकरण में स्व सहायता समूह की भूमिकाः एक समाजशास्त्रीय अध्ययन

      श्रीमति वर्षा कहार
        शोधार्थी, शासकीय महाविघालय, बिछुआ, जिला, छिंदवाडा (म. प्र.) राजा शंकर शाह वि.वि., छिंदवाडा (म.प्र.)
      डॉ. पूजा तिवारी
        शोध निर्देशिका, विभागाध्यक्ष (समाजशास्त्र) शासकीय महाविद्यालय, बिछुआ, जिला छिंदवाडा (म. प्र.)

शोध सारांश - महिला सशक्तिकरण और स्वयं सहायता समूह एक बहुचर्चित विषय बन गया है। स्वयं सहायता समूह महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे है क्योंकि समूहों में कार्य करने से उनके स्वाभिमान गौरव व आत्मनिर्भरता में वृद्धि होती है । परिणामस्वरूप महिलाओं की स्थिति देश के विकास को प्रदर्शित करती है । विश्व का कोई भी देश महिलाओ को हासिए पर रख कर अपना आर्थिक विकास नही कर सकता है। महिलाओं को देश के विकास की मुख्यधारा से जोडना ही इन्हे सशक्त बनाने के लिए उन्हे निर्णय सक्षम बनाना होगा। सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक और स्वयं के जीवन में निर्णय लेने की क्षमता ही सशक्तिकरण है ।

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मार्च 1975 से अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरूआत की गई तब से विश्व में महिला सशक्तिकरण एक जागरूक अभियान बन गया है। इसके लिए राष्ट्रीय स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रयास भी किए गए। महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक रूप से सुदृढ बनाने में स्वयं सहायता समूहों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है । देश में लगभग 60 लाख स्वयं सहायता समूहों से 6.7 करोड़ महिलाए जुडी हुई है। परन्तु हमारी देश की सामाजिक, सांस्कृतिक आर्थिक व राजनीतिक परिस्थितियां महिला समूहों की गतिशीलता, व्यवहार्यता व सहायता में अनेक चुनौतियां खडी करती है। इन चुनौतियों को कम करने में महिला संगठनों समाज सेवी संस्थाओं व गैर सरकारी संगठनों द्वारा कार्य किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप महिला समूहों की सक्रियता व सामाजिक आर्थिक रूप से भागीदारी व महिला सशक्तिकरण सही मायने में हो रहा है ।

यह अध्ययन पूर्व के अध्ययनों को नवीन परिदृश्य में देखने का प्रयास है।

इस शोध पत्र में मुख्यत महिला सशक्तिकरण में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को प्रस्तुत किया गया है।

शब्द कुंजी- महिला सशक्तिकरण, आर्थिक विकास, स्व सहायता समूह, महिला स्थिति, सामाजिक और राजनीतिक विकास ।