• January to March 2025 Article ID: NSS9005 Impact Factor:8.05 Cite Score:25616 Download: 225 DOI: https://doi.org/ View PDf

    सिंदूर पौधे का महत्व एवं उपयोगिता

      डॉ. मनीषा दंडवते
        सहायक प्राध्यापक (वनस्पति शास्त्र) भेरूलाल पाटीदार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महू (म.प्र.)

शोध सारांश- सिंदूर का पौधा उससे प्राप्त होने वाले प्राकृतिक रंग के लिये जाना जाता है। सिंदूर पौधे के बीज से प्राप्त रंग का उपयोग माँग में भरने वाले ‘’सिंदूर’’ में किया जाता है। साथ ही इसका उपयोग लिपिस्टिक एवं शरीर को रंगने वाले ‘बॉडी-पेंट या ‘डाई’ में किया जाता है। सिंदूर से प्राप्त प्राकृतिक रंग का उपयोग भोज्य पदार्थों में प्राकृतिक रंग लाने के लिये किया जाता है। भोज्य पदार्थों में प्रयुक्त रंग भोज्य पदार्थ के गुण एवं स्वाद में अंतर नहीं आने देता है। इसका उपयोग कुछ औषधियों में भी किया जाता है। सिंदूर का उपयोग प्रागैतिहासिक काल से मांग भरने के लिये किया जाता है। यह सुहागिनों के सोलह श्रृंगार में से एक है। स्त्रियाँ माँग में सिंदूर अपने पति के दीर्घायु होने एवं उसे बुरी नज़र से दूर रखने के लिये करती है। माँग में सिंदूर भरना हमारी वैदिक विवाह पद्धति की प्रमुख रस्म है।

            इसके बीजों का पारंपरिक व्यंजनों में मसाले के रुप में भी उपयोग किया जाता है। विशेषकर दक्षिण अमेरिका, मैक्सिको और कैरेबियन में। बिक्सिन नामक वर्णक उत्पन्न करने वाला यह एकमात्र पौधा है।

शब्द कुंजी-प्राकृतिक रंग, बॉडी पेन्ट, सोलह श्रृंगार, दीर्घायु, सिंदूर, वैदिक विवाह पद्धति, मसाले।