• April to June 2025 Article ID: NSS9188 Impact Factor:8.05 Cite Score:471 Download: 29 DOI: https://doi.org/ View PDf

    संचार माध्यमों में हिंदी की प्रगति: वैश्विक परिप्रेक्ष्य में एक अध्ययन

      डॉ. आराधना सिंह
        एसोसिएट प्रोफेसर (हिंदी) मंगलायतन विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.)

प्रस्तावना - किसी भी राष्ट्र की अस्मिता सांस्कृतिक परिवेश धार्मिक प्रतिमानों, मानव के ज्ञान- विज्ञान के साधन, चिंतन- मनन और राजनीतिक ,घटनाओं परंपरा के जीवंत तत्वों,वैचारिक आंदोलनों , परिवर्तनकारी माध्यमों के नियामकक रूप तथा आधुनिकीकरण, नूतन आविष्कारों और युग-बोध के प्रमुख तत्व के रूप में भाषा का महत्व अप्रतिम होता है। जनसंचार माध्यम भाषाओ को जानने , समझने ,प्रस्तुतीकरण और संप्रेषण के सफल माध्यम हैं। इन सभी दृष्टियों से हिंदी विश्व की समृद्धतम। भाषाओं में से एक है। राहुल सांकृत्यायन का मानना था कि ‘‘ जहां तक ‘रामचरितमानस‘ गया, वह हिंदी का क्षेत्र है। ‘‘अल्कसेई। पैतरोंविच वरान्निकोव जैसी प्रतिभाओं ने रामचरितमानस को विश्व का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य घोषित किया है। इन विद्वान आचार्यों के कथनों को सत्य सिद्ध करती ‘भारतीय साहित्य और संस्कृति का अनुरक्षण करती विश्व फलक पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अभूतपूर्व प्रस्फुटन और फैलाव के साथ हिंदी अनेक उन्नत रूपों में प्रवाहमान और विकास के पथ पर अग्रसित है।