-
July to September 2025 Article ID: NSS9262 Impact Factor:8.05 Cite Score:1108 Download: 44 DOI: https://doi.org/10.63574/nss.9262 View PDf
मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण: महिलाएं आंतरिक शक्ति और बाहरी प्रभाव
डॉ.फरहत मंसूरी
सहायक प्राध्यापक (समाजशास्त्र) शासकीय महाविधायालय,बिछुआ,जिला छिंदवाड़ा (म.प्र.)
प्रस्तावना - मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण (Psychological Empowerment) महिलाओं की आत्म-जागरूकता,
आत्म-सम्मान, और निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करने की एक महवपूर्ण प्रक्रिया है।
यह महिलाओं के लिए एक आंतरिक परिवर्तन है, जो बाहरी दुनिया में उनके प्रभाव को भी गहराई
से प्रभावित करता है।सशक्तिकरण प्रक्रिया आत्म-चिंतन और विकास को प्रोत्साहित करती
है, जिससे जीवन अधिक संतुष्टिदायक बनता है। उदाहरण के लिए, कई लोगों का मानना है कि व्यक्तिगत
लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने से उनकी क्षमता और आत्मनिर्णय की भावना
बढ़ती है । जब एक महिला प्रगति देखती है, तो इससे उसे और अधिक प्रयास करने की
प्रेरणा मिलती है ,और वह अपना एवं अपने परिवार का विकास करती है । समाज के विकास में
महिलाओं की भागीदारी तब सशक्त बनती है जब वे अपनी आंतरिक क्षमता को पहचानकर बाहरी संसार
में सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं। मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण महिलाओं को न केवल आत्मविश्वास
देता है, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व करने योग्य बनाता है।
