• July to September 2025 Article ID: NSS9343 Impact Factor:8.05 Cite Score:52 Download: 8 DOI: https://doi.org/ View PDf

    महिलाओं के विकास में महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम की भूमिका

      कु. स्तुति झा
        सहायक प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शा. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, टीकमगढ़ (म.प्र.)
      डॉ. विभा वासुदेव
        प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर (म.प्र.)

प्रस्तावना- किसी भी देश के विकास में महिलाओं एवं बच्चों की स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक महिलाओं की स्थिति में अत्यंत परिवर्तन हुआ है। वैदिक काल में "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमंते तत्र देवता:'' की विचारधारा देखने को मिलती है, तत्पश्चात मध्यकाल में महिलाओं की स्थिति निम्न हो गई। इसके बाद आधुनिक और स्वतंत्र भारत में महिलाओं की स्थिति  सुधारने हेतु अनेक प्रयास किए गए जिसमें सरकार द्वारा किए गए प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस शोध पत्र में महिलाओं के विकास में महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम की भूमिका का अध्ययन किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार के मंत्रालय के रूप में कार्य करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1985 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत हुई थी। इसका उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों के समग्र विकास करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाना है।